PM Kusum Yojana 2025:पीएम कुसुम योजना( किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए मिलेगी ऋण सुविधा और सब्सिडी)

PM Kusum Yojana:- केंद्र सरकार व राज्य सरकार के परस्पर सहयोग से पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत देश के किसानों को सिंचाई के लिए सब्सिडी पर सोलर पंप उपलब्ध कराए जा रहे हैं। खास बात यह है कि इस योजना के तहत सरकार की ओर से सब्सिडी के साथ ही किसानों को बैंक से ऋण (Loan) सुविधा भी प्रदान की जाती है ताकि किसान आसानी से अपने खेत में सोलर पंप लगवाकर सिंचाई के साथ ही अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर सके। इसके लिए सरकार इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप (Solar Pump) से आवश्यकता से अधिक बिजली उत्पादन करने पर उसे खरीदने की सुविधा भी देती है। यदि किसान अपनी आवश्यकता से अधिक बिजली का उत्पादन करते हैं तो उसे वे ग्रिड के माध्यम से बिजली कंपनियों को बेच सकते हैं। इसके लिए उन्हें निर्धारित दर से बिजली खरीद का भुगतान बिजली विभाग की ओर से किया जाएगा। हाल ही में राज्य सरकार की ओर से पीएम कुसुम योजना के घटक “अ” (Component “A” of PM Kusum Yojana) के तहत प्रदेश के किसानों से आवेदन मांगे गए हैं। इच्छुक किसान योजना में आवेदन करके सरकारी सब्सिडी पर अपने खेत में सोलर पंप लगवाकर भारी भरकम बिजली बिल से छुटकारा पाने के साथ ही इससे अच्छी कमाई भी कर सकते हैं।

PM Kusum Yojana

PM Kusum Yojana(किसानों को 25 सालों तक होगी आय)

पीएम कुसुम योजना के तहत किसान अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं या किराये पर देकर आय प्राप्त कर सकते है। सरकार का लक्ष्य किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराना है। इस योजना से न केवल किसान के कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि किसानों को 25 सालों तक एक स्थिर आय का स्त्रोत भी मिलेगा। इस योजना से किसानो को दिन के समय बिजली मिलेगी जिससे सिंचाई की लागत कम होगी और बेतहर उत्पादन मिल सकेगा।

1 मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट लगवाने के लिए कितनी भूमि की होगी आवश्यकता

सौर परियोजना (Solar Project) के तहत एक मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट (Solar Power Plant) लगवाने के लिए किसान को करीब 4 एकड़ भूमि की जरूरत होगी। इस योजना के तहत सरकार की ओर से वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है। इसमें केंद्र सरकार की ओर से प्रति मेगावाट 1.05 करोड़ रुपए और राज्य सरकार की ओर से 45 लाख रुपए प्रति मेगावाट का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा किसान को बैंक से ऋण लेने की सुविधा भी दी जाएगी। सोलर पॉवर प्लांट का निर्माण 12 महीने के अंदर किया जाएगा और उसे विद्युत उपकेंद्रों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से बिजली की खरीद के लिए 25 सालों का एग्रीमेंट (समझौता) किया जाएगा। ऐसे में किसान एक बार सोलर प्लांट की स्थापना कर सरकार को 25 सालों तक बिजली बेचकर पैसा कमा सकते हैं।

योजना के तहत कौन कर सकता है आवेदन

  • व्यक्तिगत किसान
  • किसान समूह/सहकारिता, पंचायत
  • किसान उत्पादन संगठन
  • जल उपभोगकर्ता संघ
  • स्वयं सहायता संघ

योजना के तहत सोलर पॉवर प्लांट के लिए आवेदन हेतु किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता 

  • आवेदन करने वाले किसान का क्लास–3 डिजिटल सिग्नेचर
  • आवेदक किसान का पैन कार्ड
  • आवेदक किसान का ई–मेल आईडी
  • आवेदक किसान का मोबाइल नंबर
  • भूमि का स्वामित्व प्रमाण–पत्र (जैसे–खतौनी, पट्‌टा या अन्रू प्रासंगिक दस्तावेज)
  • यदि भूमि लीज पर है तो ली एग्रीमेंट
  • भूमि के भू–माप का प्रमाण
  • किसान का पंजीकरण
  • किसान का आधार कार्ड
  • किसान का पहचान–पत्र (जैसे– वोटर कार्ड, राशन कार्ड)
  • किसान का बैंक खाता विवरण इसमें पासबुक की कॉपी
  • वहीं किसान समूह, सहकारी समिति, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन या जल उपभोक्ता एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करते है, तो संबंधित संगठन का पंजीकरण प्रमाण–पत्र आदि।

योजना के तहत सोलर पॉवर प्लांट लगवाने के लिए कहां करें आवेदन

यदि आप बिहार राज्य के किसान, किसान समूह/सहकारिता, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन, जल उपभोगकर्ता संघ, स्वयं सहायता संघ से जुड़े हुए हैं तो आप बिना किसी तकनीक या वित्तीय मानदंड के आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत किसानों को एक लाख रुपए प्रति मेगावाट का ईएमडी देना होगा। किसान योजना का लाभ लेने के लिए eproc2.bihar.gov.in पोर्टल पर 2 अप्रैल 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए 590 टेंडर प्रोसेसिंग शुल्क, 11800 रुपए का टेंडर शुल्क और एक लाख प्रति मेगावाट अग्रिम धनराशि बैंक गारंटी या डिमांड ड्राफ्ट यानी डीडी (DD) के रूप में जमा करना होगा।

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