PM Vishwakarma Yojana Certificate:-प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पकारों को सशक्त बनाना है। इस योजना के माध्यम से उन कारीगरों को आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक सहयोग प्रदान करती है, जो पारंपरिक पारिवारिक व्यवसायों जैसे बढ़ईगिरी, कुम्हार, जुलाहे, सुनार और अन्य 18 पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े हुए हैं। यदि आपने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत आवेदन किया है और आपकी स्वीकृति मिल चुकी है, तो अब आप आसानी से अपना प्रमाण पत्र और पहचान पत्र ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। इस लेख में आपको पूरी प्रक्रिया विस्तार से बताई गई है, जिससे आप बिना किसी परेशानी के अपना PM Vishwakarma Yojana Certificate प्राप्त कर सकते हैं।
PM Vishwakarma Yojana – एक महत्वपूर्ण पहल
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को ₹15,000 तक की वित्तीय सहायता औजार खरीदने के लिए दी जाती है। इसके अलावा, प्रशिक्षण के दौरान सरकार द्वारा प्रतिदिन ₹500 का भत्ता भी दिया जाता है। साथ ही, प्रशिक्षण पूरा करने के बाद लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और पहचान पत्र प्रदान किया जाता है। जिससे कारीगर व्यवसायों को आगे की ओर अग्रसर कर सके इससे भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ाया जा सकता हैं |
PM Vishwakarma Yojana Online Apply
यदि आप अपना प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड डाउनलोड करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
पहले लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
2. लॉगिन प्रक्रिया पूरी करें
- होमपेज पर ‘Login’ बटन पर क्लिक करें।
- ‘Applicant/Beneficiary Login’ का चयन करें।
- अपना पंजीकृत 10 अंकों का मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- ‘Send OTP’ पर क्लिक करें और ओटीपी दर्ज कर सत्यापन करें।
- लॉगिन पूरा होते ही आपका डैशबोर्ड खुल जाएगा।
3. प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड डाउनलोड करें
- डैशबोर्ड में दिए गए ‘Download Your PM Vishwakarma Certificate’ विकल्प पर क्लिक करें।
- ‘Download Your PM Vishwakarma ID-Card’ पर क्लिक कर अपना आईडी कार्ड डाउनलोड करें।
PM Vishwakarma Yojana के प्रमुख लाभ
- आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को ₹15,000 तक की सहायता।
- कौशल प्रशिक्षण के दौरान ₹500 प्रतिदिन का भत्ता।
- प्रमाण पत्र और पहचान पत्र के माध्यम से व्यवसायिक मान्यता।
- कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा।
- पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने की पहल।
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